1.एच.आई.व्ही. से संक्रमित व्यक्तियों को जीवन-पर्यनत एंटी रेट्रोवायरल की दवायें लेना आवष्यक होता है।
2.प्रदेष में एच.आई.व्ही. संक्रमित व्यक्तियों को उपचार प्रदान करने के लिए 18 ए.आर. टी. सेंटर मुख्यतः षासकीय चिकित्सा महाविद्यालयो ं एवं जिला चिकित्सालयों मे ं कार्यरत् हैं। इसके साथ ही 32 जिलों के जिला चिकित्सालयो ं मे ं लिंक ए.आर.टी. केन्द्र कार्यरत् हैं।
 
इन केन्द्रो के माध्यम से निम्नानुसार कार्य किये जाते हैं:-
1.एच.आई.व्ही. संक्रमित व्यक्तियों को पंजीकृत करना। 2. ए.आर.टी. उपचार, उपचार की निरन्तरता आदि के सम्बन्ध में परामर्ष देना। 3.एच.आई.व्ही. सम्बन्धी विषिष्ट जांचें-सी.डी.4 एवं वायरल लोड टेस्ट कराना। 4.एच.आई.व्ही. सक्रं मित व्यक्तियों को होने वाले अन्य सक्रं मणो,ं जैसे-टी.बी. आदि का परीक्षण कर, उपचार प्रदान करना। 5.ए.आर.टी. का उपचार आरंभ कर जीवन-पर्यन्त निःषुल्क दवायें उपलब्ध कराना।
 
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